सही मायने में किसान धरती पर भगवान का दूसरा रूप है। पूरी दुनिया का पेट भरने वाला किसान आज बेहद बदहाल है। वर्षा, धूप, शीत लहर की परवाह किए बगैर किसान दिन रात मेहनत करके महाजन से कर्ज लेकर फसल उगाता है। आज उसके खून पसीने से उगाई फसल नीलगाय चट कर जाते हैं। कभी प्रकृति की मार से फसल नष्ट हो जाती है। सब की भूख मिटाने वाला किसान आज काफी लाचार है। जबकि किसानों की मेहनत के बल पर सेठ महाजन मालामाल हैं। किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है। न सरकार, न नेता, न जनप्रतिनिधि और न हाकिम। किसान की बदहाली कोई देखनेवाला नहीं है। कल भी किसान बदहाल था आज भी बदहाल है।
भाजपा किसान मोर्चा के गढ़वा जिला संयोजक रामलाला दुबे ने उक्त बातें कहते हुए कहा कि किसान की मेहनत से सेठ साहूकार व हाकिम मालामाल हैं। खेत और खलिहान में किसान लुटा जा रहा है। महाजन के कर्ज से वह दिनों दिन दबा जा रहा है। वह काफी सस्ते मोल पर बाजार में बिका जा रहा है। धान के गोदाम में किसान लुटा जा रहा है। ब्लॉक के हाकिम से किसान लुटा जा रहा है। बैंक के दलाल से भी किसान बिका जा रहा है। वह लगातार करुण पुकार से झारखंड की सरकार बिजली बिल माफ कर दो चिल्ला रहा है। नीलगायों से फसलों की सुरक्षा की गुहार लगा रहा है। खाद बीज की व्यवस्था सुलभ कराने की मांग कर रहा है। चारों ओर भ्रष्टाचार की मार से बचाने को लेकर कुछ तो रहम करो सरकार की गुहार लगा रहा है। संयोजक रामलाला दुबे ने किसानों की आर्तनाद सुनने की झारखंड सरकार और जिला के उपायुक्त से गुहार लगाई है।