योग दिवस पर सरस्वती विद्या मंदिर रामनगर में आयोजित हुआ योगा कार्यक्रम

अयोध्या।
योगेन चित्तस्य पदेन वाचां मलं शरीरस्य च वैदिकेन। योपाकरोत्तं प्रवरं मुनीनां पतञ्जलिं प्राञ्जलिरानतोस्मि॥* योग से शरीर और मन दोनों चुस्त दुरुस्त रहती हैं । अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर नगर के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर रामनगर अयोध्या में योग का कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
इस अवसर पर योगाचार्य के रूप में होम्योपैथी चिकित्सा विकास महासंघ के महासचिव व अयोध्या महानगर सहसेवा प्रमुख डॉ० उपेंद्र मणि त्रिपाठी , संस्कृत बोध परियोजना के क्षेत्रीय संयोजक श्री राजकुमार सिंह ,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत मंत्री पुष्पेंद्र ,विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक दिवाकर , विद्यालय के प्रधानाचार्य मंगली प्रसाद तिवारी उपस्थित रहे । डॉ० उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने योग प्रोटोकॉल के तहत वृक्षासन, ताड़ासन, मयूरासन, मंडूकासन, मकरासन, वक्रासन,पश्चिमोत्तानासन, पादहस्तासन, भुजंगासन, धनुरासन, त्रिकोणासन सहित प्रणायाम का अभ्यास कराते हुए भिन्न रोगों योग से होने वाले लाभ के विषय में भी उपस्थित योगसाधको आचार्यों, भैया बहनों को बताया। डॉ त्रिपाठी ने कहा भगवत गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को अनासक्ति योग का उपदेश देकर योगी बना दिया और वह युद्ध को प्रस्तुत हुए अर्थात योगी वही है जो कर्म के मर्म को समझ ले और मन का निग्रह कर सके, योग्यता क्षमता बढ़ाते हुए फल की आसक्ति बिना राष्ट्रहित परमार्थ में अपना कर्म करते रहने वाला ही योगी है, योग तो मन को संयमित नियंत्रित करने का साधन मात्र है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के आचार्य सरिता पाण्डेय,शालिनी सिंह, श्रद्धा तिवारी, शोभा तिवारी, साक्षी , अजय सिंह, विश्वनाथ यादव, रामभद्र जोशी, राम शंकर वर्मा, शिव अचल पाण्डेय, सुमित पाण्डेय तथा कर्मचारीगणों का सहयोग प्राप्त हुआ ।