अयोध्या।पहले देश, फिर समाज, परिवार और फिर अपनी बारी,इसी मूल मंत्र के साथ राष्ट्र जागरूकता को समर्पित एक विशेष अभियान राष्ट्र के नाम की औपचारिक घोषणा प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान की गई। इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों को उनके कर्तव्यों की ओर जागरूक करते हुए देश के सांस्कृतिक, सामाजिक और नैतिक मूल्यों को संरक्षित करना है।संयोजक सौमित्र मिश्रा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण कोई सरकारी योजना नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। जब हम राष्ट्र को प्राथमिकता देंगे, तभी समाज और परिवार भी सशक्त बनेंगे,उन्होंने बताया कि यह अभियान केवल विचार नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। इसके अंतर्गत समाज के हर वर्ग को जोड़कर देश के पुनर्निर्माण में सहभागी बनाने का लक्ष्य रखा गया है,नागरिकों को उनके राष्ट्रीय कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना,
सांस्कृतिक, नैतिक और सामाजिक मूल्यों की पुनर्स्थापना,देश को समरस, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना।
प्रत्येक वर्ग की विशिष्ट भूमिका तय,युवाओं को जिम्मेदार और नैतिक नागरिक बनाना,महिलाओं को सशक्त बनाकर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना।वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव और मार्गदर्शन से समाज में मूल्यों की पुनर्स्थापना करना।बालकों को संस्कार, संस्कृति और चरित्र निर्माण से जोड़ना,शिक्षक राष्ट्रभक्ति व चरित्र निर्माण में योगदान दें।
चिकित्सक सेवा भावना व नैतिक चिकित्सा से समाज का स्वास्थ्य सुधारें,अधिवक्ता जनहित में न्याय की पैरवी करें,व्यवसायी ईमानदारी और समाजोन्मुख उद्यमिता को बढ़ावा दें,पत्रकार, साहित्यकार, कलाकार सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक विरासत को सशक्त करें,धर्मगुरु सद्भाव और सहिष्णुता का संदेश दें,सरकारी/गैरसरकारी अधिकारी ईमानदारी से जनसेवा करें।कार्यक्रम के अध्यक्ष नीरज कनौजिया ने कहा,समाज जिन चुनौतियों से जूझ रहा है- जैसे बिखरते परिवार ,उद्देश्यहीन युवा, दांपत्य जीवन की अशांति, सोशल मीडिया का दुरुपयोग उनसे निपटना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। व्यवस्थापक ज्ञान सिंह ने कहा कि हमारी संस्कृति, परंपराएं और जीवन मूल्य हमारी अमूल्य धरोहर हैं।
कार्यक्रम के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ‘निर्भीक’ ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि ऐसी जीवनशैली है जिसमें हर भारतीय को अपनी भूमिका तय करनी होगी।