राजस्व संघ चुनाव पर कर्मचारी परिषद ने उठाए गंभीर सवाल

 

अयोध्या।भगवान राम की नगरी में राजस्व निरीक्षक संघ का चुनाव एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया कम, बल्कि षड्यंत्र और शक्ति प्रदर्शन का अखाड़ा ज्यादा बन गया। आरोप है कि चुनाव की आड़ में संघ के कुछ प्रभावशाली चेहरे अपने नजदीकी लोगों को पदों पर बैठाने की साजिश रच चुके थे।राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष अरविंद सिंह ने सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यह चुनाव नियम विरुद्ध, साजिशन और निजी हितों के लिए कराया गया है। उनके मुताबिक संघठन के कुछ स्वयंभू नेताओं ने नियम-कानून को ताक पर रखकर अपने हित साधे और पूरे चुनाव को अवैध बना दिया। इस विवाद का तड़का तब और तेज़ हुआ जब पता चला कि जिलाधिकारी और एसडीएम को बैठक का पत्र भेजा गया था, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही बंद दरवाजों के भीतर चुनाव करा दिया गया। सवाल ये है कि अगर सब कुछ पारदर्शी था तो डीएम और एसडीएम की मौजूदगी से क्यों डर गए संघटन के कर्ताधर्ता?

अयोध्या के राजस्व विभाग में पहले से ही भ्रष्टाचार, फर्जी रिपोर्ट और मिलीभगत के आरोप गूंजते रहे हैं। अब चुनावी विवाद ने साबित कर दिया है कि लोकतंत्र यहां भी महज एक मुखौटा है, जिसके पीछे निजी स्वार्थ और साजिश का साम्राज्य पलता है।सवाल सीधा है- राजस्व निरीक्षक संघ का चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है या फिर साजिश का काला अध्याय?

Sameer Shahi

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