-शिकायतकर्ता पर लगाए कई गंभीर आरोप
नियुक्ति को वैध ठहराया, कहा शिकायतकर्ता स्कूल की छवि खराब करने की कर रहा कोशिश
अयोध्या। जिले के रामबली नेशनल इण्टर कालेज गोशाईगंज अयोध्या के प्रधानाध्यापक सरोज कुमार द्विवेदी की नियुक्ति को लेकर उठाए गए सवालों पर विद्यालय के प्रबंधक ने विराम लगाया है। उन्होंने विद्यालय में कार्यरत रहे अध्यापक कामता प्रसाद वर्मा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
प्रबंधक की ओर से जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र लिखकर प्रधानाध्यापक की नियुक्ति को लेकर फर्जी शिकायत करने वाले अध्यापक के खिलाफ शासन स्तर से कार्रवाई कराने की मांग की गई है। प्रबंधक की ओर से डीआईओएस को भेजे गए पत्र में कहा है कि प्रधानाध्यापक सरोज कुमार द्विवेदी की नियुक्ति प्रबंधक ने रसायन विज्ञान प्रवक्ता के रूप में 13 दिसम्बर 1990 में हुई थी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से इस्तीफा दिया था। उनका विनियमितीकरण माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के नियमों के तहत संयुक्त शिक्षा निदेशक फैजाबाद मण्डल ने किया था। नियुक्ति में किसी भी प्रकार के फर्जी अभिलेखों का सहारा नहीं लिया गया है। विद्यालय के प्रबंधक ने भेजे गए पत्र में शिकायतकर्ता को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि कामता प्रसाद ने एक पत्नी के जीवित रहते एक और विवाह कर लिया है। दूसरी पत्नी पर भी लांछन लगाय है। पत्नी की ओर से कराई गई शिकायत पर वह जेल भी जा चुका है। उसने एक ही शिक्षा सत्र में संस्थागत छात्र के रूप में दो दो डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने कहा है कि प्रधानाध्यापक को स्वास्थ्य विभाग से एक माह का वेतन दिए जाने का आरोप भी गलत है। उन्होंने जब इस्तीफ़ा दे दिया था तो एक माह का वेतन किसे मिला। इस त्रुटि को स्वास्थ्य विभाग सुधार कर रहा है। फर्जी शिकायत कर कामता प्रसाद विद्यालय की छवि खराब कर रहा है। उसके खिलाफ शीघ्र ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।