शताब्दी वर्ष की तैयारियों के बीच अयोध्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नवीन कार्यालय ‘महर्षि वाल्मीकि भवन’ का भव्य लोकार्पण

 

प्रांत प्रचारक कौशल जी ने किया भवन का उद्घाटन, संत-महंतों और कार्यकर्ताओं की रही गरिमामयी उपस्थिति

अयोध्या।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अयोध्या महानगर के नवीन कार्यालय ‘महर्षि वाल्मीकि भवन’ का लोकार्पण आज अत्यंत उत्साह और पारंपरिक वातावरण में सम्पन्न हुआ। शताब्दी वर्ष की तैयारियों के मध्य आयोजित इस विशेष कार्यक्रम की शुरुआत सुंदरकांड पाठ और हवन-पूजन से हुई, जिसमें महानगर संघचालक विक्रमा प्रसाद जी सपत्नीक यजमान के रूप में सम्मिलित रहे।संघ के प्रान्त प्रचारक कौशल जी द्वारा इस बहुमंजिली नवीन कार्यालय भवन का लोकार्पण विधिवत रूप से किया गया। संघ के इस भवन में 10 कार्य कक्ष, एक विशाल सभागार, भोजनालय, पुस्तकालय एवं वाचनालय की व्यवस्था की गई है। यह भवन अब संघ की समस्त महानगर गतिविधियों का केंद्र बिंदु बनेगा। पूर्व में सभी गतिविधियाँ साकेत निलयम संघ कार्यालय से संचालित होती थीं, किंतु अब नगर के मध्य स्थित यह नया भवन कार्यकर्ताओं के लिए अत्यधिक सुविधा जनक होगा।कार्यक्रम में महानगर संघचालक विक्रमा जी, महानगर कार्यवाह अजय मोहन, सह कार्यवाह देवेंद्र, राहुल, सूरज, महानगर व्यवस्था प्रमुख सुधीर सिंह, विभाग संघचालक गंगा बख्श जी, विभाग कार्यवाह रमाशंकर, विभाग प्रचारक कृष्णचंद्र, सेवा प्रमुख बालेन्द्र भूषण, व्यवस्था प्रमुख केदारनाथ सिंह समेत संघ के विचार परिवार से जुड़े अनेक संगठनों के वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे।इस गरिमामयी अवसर पर अयोध्या के कई पूज्य संत-महंतों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा को और बढ़ाया। प्रमुख रूप से जगद्गुरु राम दिनेश आचार्य, महंत वैदेही वल्लभ शरण, महंत जय रामदास, महंत गिरीश दास, महंत राम लखन दास, महंत छत्र दास, महंत रामविलास वेदांती जी महाराज, महंत प्रबंजनानंद शरण दास, महंत सीताराम दास, महंत वीरेद दास, महंत गणेशानंद दास, महंत गोविंद दास जी की विशेष उपस्थिति रही।साथ ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा एवं राम मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव जी भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। भाजपा महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, अवधेश पांडे बादल, धर्मेंद्र सिंह टिल्लू, पूर्व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, वासुदेव मौर्य, परमानंद मिश्रा, विशाल मिश्रा समेत कई गणमान्यजन एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।कार्यक्रम की भव्यता, श्रद्धा और संगठनात्मक ऊर्जा ने संघ के आगामी शताब्दी वर्ष के संकल्पों को सशक्त आधार प्रदान किया।

Rajendra Dubey

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