
कर्ज़ का किस्सा और कत्ल का क्लाइमैक्स”
*आल्टो कार में लाश फेंक भागे, वीडियो बना सबूत*

*समीर शाही*
अयोध्या।
“कर्ज़ का किस्सा और कत्ल का क्लाइमैक्स” जनपद अयोध्या की यह सनसनीखेज वारदात इसी एक लाइन में समा सकती है। 14 जून की रात एक लावारिस शव मिलने से हड़कंप मच गया था, लेकिन पुलिस की सतर्कता, सर्विलांस की धार और मुखबिर तंत्र की ताक़त ने इस हत्या का राज़ 72 घंटे के भीतर खोल डाला।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर की कमान में चलाए जा रहे “ऑपरेशन क्राइम क्रश” के तहत पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बलवन्त चौधरी और सीओ सदर योगेन्द्र कुमार की निगरानी में रौनाही थाने की टीम ने तीन शातिर अभियुक्तों को आल्टो कार समेत गिरफ्तार कर लिया। गिरफ़्तारी हाईवे पर उस वक्त हुई, जब आरोपी बेगमगंज की ओर जा रहे थे।
*हत्या की पटकथा: दोस्ती, लेन-देन और धोखा*
हत्या की जड़ें लखनऊ से जुड़ी हैं। मृतक साहिल पुत्र साबिर निवासी पल्टन छावनी, मडियांव लखनऊ, अपने पुराने परिचित अश्वनी सिंह उर्फ मिर्ची के पास जानकीपुरम गया था। वहीं पर साहिल और उसके तीन दोस्तों—अश्वनी, नसीम उर्फ छोटू कटरा और आकिब कुरैशी के बीच पैसों को लेकर विवाद हुआ। बहस इतनी बढ़ी कि साहिल की गला दबाकर हत्या कर दी गई। शव को एक तौलिया और गमछे में लपेटकर आल्टो कार से रौनाही थाना क्षेत्र के ग्राम जगनपुर में ले जाकर फेंक दिया गया।
*सीसीटीवी और मोबाइल वीडियो ने खोली पोल*
पुलिस ने जब घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और मोबाइल लोकेशन ट्रेस की, तो एक सफेद आल्टो कार लगातार संदिग्ध पाई गई। मुखबिर की सूचना पर 17 जून की रात 8:10 बजे तीनों अभियुक्तों को बेगमगंज रोड से दबोच लिया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त अश्वनी सिंह के मोबाइल से एक वीडियो मिला, जिसमें 13 जून की रात साहिल के साथ मारपीट होती दिख रही है। यही वीडियो इस मामले की सबसे ठोस कड़ी साबित हुआ।
*गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान*
अश्वनी सिंह उर्फ मिर्ची, उम्र 34, मूल निवासी उसरना, लखनऊ,
नसीम उर्फ छोटू कटरा, उम्र 28, निवासी मडियांव, लखनऊ,आकिब कुरैशी, उम्र 22, निवासी बाराबंकी (फिलहाल ठाकुरगंज) शामिल है।
इस केस के खुलासे में रौनाही थाने की टीम के साथ ही स्वॉट और सर्विलांस यूनिट की महत्वपूर्ण भूमिका रही।