फोटोजीवी नगर निगम: जहां विकास सिर्फ कैमरे में होता है!

 

*कलम के कांटे से*
*नगर निगम अयोध्या* अब विज्ञान की अद्भुत खोज *”फोटोजीव” पर गर्व करता है।* ये *दुर्लभ जीव पानी नहीं, पब्लिसिटी पीते हैं और विकास नहीं, डिजिटल फिल्टर में सांस लेते हैं।* कभी *नगर आयुक्त साहब नाली के किनारे, कभी खंभे के नीचे* हर जगह कैमरे को देखकर *खुद ही स्मार्ट सिटी महसूस करने लगते हैं।*

*अब आप पूछेंगे, जमीनी हकीकत?*
अरे जनाब! *जमीन तो सिर्फ टेंडर पास करने और फोटो खींचने के लिए होती है, काम करने के लिए नहीं।*

*लक्ष्मण घाट वार्ड पार्षद के प्रतिनिधि महेंद्र शुक्ला जी ने सही कहा* — “नगर निगम मुर्दाबाद!” *क्योंकि यहाँ पानी नहीं आता, लेकिन विकास की प्रेस रिलीज़ हर हफ्ते टपकती है।* वाटर कूलर दो महीने से हीट स्ट्रोक में पड़े हैं, *लेकिन अफसरों को पब्लिक रिलेशन फीवर चढ़ा है।*

*पापमोचन घाट पर पानी नहीं है, लेकिन अफसरों की छवि धुली-चमकीली बनी रहे* — यही असली मिशन है। नल रिबोर करने को बजट नहीं, लेकिन इवेंट मैनेजमेंट के लिए शायद अलग फाइल खुल चुकी है। *नगर निगम में अब काम नहीं, कैमरा चलता है।*

*जनता प्यास से बिलबिला रही है, पर नगर आयुक्त साहब कहते हैं:*
“देखो! तस्वीर में सब हरा-भरा लग रहा है, इसका मतलब विकास हो रहा है।”

*तो आइए, एक सेल्फी लें उस खराब वाटर कूलर के साथ* — और टैग करें:
#SmartCity #ThirstyWard #PhotoDevelopmentMission
*चाहें नल सूखें या वाटर कूलर दम तोड़ें&
*अयोध्या में “फोटोजीव” अफसर कभी थकते नहीं!*

Sameer Shahi

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