अयोध्या। मणि पर्वत पर झूलनोत्सव की शुरुआत के साथ मणि महोत्सव का आयोजन नगर निगम ने किया, जिसका उद्घाटन महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने अतिथियों संग दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने अयोध्या के सनातन परंपरा पर विस्तार से चर्चा की और कार्यक्रम में आए अतिथियों एवं अध्यवासियों का स्वागत किया। अन्य वक्ताओं ने इस मौके पर झूलनोत्सव के महत्व पर प्रकाश डाला। महोत्सव का आकर्षण कवि सम्मेलन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत व्याख्यान माला से हुई। वक्ता श्री प्रेमदास रामायणी एवं श्री कौशल्यानंद वर्धन मिश्र ने अयोध्या की झूलनोत्सव की परंपरा एवं मणि पर्वत के महत्व पर विस्तार से चर्चा की।
द्वितीय सत्र में आयोजित कवि सम्मेलन में ताराचंद तन्हा, प्रदीप बहराइची, सुनीता पाठक, साक्षी सिंह आदि ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के संबंधित रचनाएं प्रस्तुत की।
तृतीय सत्र सांस्कृतिक संध्या की प्रस्तुति पंडित ज्वाला प्रसाद संगीत विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने किया।
सिया संग झूले बगिया में राम सजना भजन पर सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति दर्शकों को लुभाने वाली रही।
इसके अलावा हमसे भंगिया इतनी पिसाई पिया, टूटेला कलाई पिया ना की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र बनी।
चित्रकूट के घाट, घाट पर शबरी जोहे बांट….
राम मेरे आ जाओ शीर्षक नृत्य ने हजारों दर्शनार्थियों को झूमने पर विवश कर दिया।
इसके साथ ही प्रधानाचार्य सत्यप्रकाश मिश्रा के मार्गदर्शन में सांस्कृतिक संध्या देर शाम तक चली, जिसका संचालन बृजमोहन तिवारी ने किया। विवेक मिश्र के मनमोहक गीत भी सराहे गये।
मणि महोत्सव कार्यक्रम में महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, नगर आयुक्त जयेन्द्र कुमार, एस डी रूदौली, महंत रंग महल राम शरण दास, मिथिला बिहारी दास, महंत शशिकांत दास, महंत मनीष दास, कैलाशी गोपाल दास, महंत राम भद्र दास, जय नारायण सिंह रिंकू, विनय जायसवाल, चंदन सिंह, अनुज दास, अनिकेत यादव, देवकाली मंडल के अध्यक्ष हेमंत जायसवाल, आलोक द्विवेदी, महोत्सव समिति के अध्यक्ष भवानी प्रसाद द्विवेदी, श्रीनिवास शास्त्री, रमेश गुप्ता राणा विपिनेश पांडे, इंद्रजीत शुक्ला, अवनीश दुबे, समर बहादुर सिंह, विजय सिंह सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।