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डूब क्षेत्र में बने सरकारी भवनों को भी ध्वस्त कराए सरकार-सूर्यकान्त पांडेय

भाकपा नेता ने की प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह की एसआईटी जांच कराने की मांग

 

अयोध्या। सरयू नदी का डूब क्षेत्र (दरिया बुर्ज) बताकर अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा माझा जमथरा क्षेत्र में बने मकानों पर की गई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कड़ी आपत्ति दर्ज करायी है। पार्टी के जिला मंत्रिपरिषद सदस्य सूर्यकांत पाण्डेय ने प्रकरण को लेकर अयोध्या नगर निगम के आयुक्त व विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह की एसआईटी जांच कराने की मांग की है।

पत्रकारो से बातचीत करते हुए सूर्यकांत पाण्डेय ने कहा कि वर्ष 2000 व 2004 के बीच तत्कालीन सरकार में सिंचाई मंत्री रहे मुन्ना सिंह चौहान के समय में सरयू नदी के किनार जमथरा घाट से बिल्हरि घाट तक बंधा बनवाया गया था जो भूमि बची थी उसमें लोगों ने भूमि मालिकों से पट्टा लेकर निर्माण प्रारम्भ कर दिया। इसी भूमि में कई सरकारी भवन जैसे राम कथा पार्क, राम कथा संग्रहालय, अन्तर्राष्ट्रीय बस अड्डा भी बने हैं। यदि सरकार बैनामेंदारों की जमीन को सरकारी बताकर गिरा रही है तो सरकारी इमारतों पर भी बुलडोजर चलाना चाहिए। इसी भूमि में करोड़ों रुपया खर्च कर नव्य अयोध्या का निर्माण भी किया जा रहा है।
यदि इन सरकारी इमारतों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही हो रही है तो 83 परिवारों के घर कैसे नजूल के हो गए। जिनकी दाखिल खारिज राजस्व प्रशासन ने की है। उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन के दोहरे चरित्र का शिकार मध्यम और गरीब वर्ग के लोग हो रहे हैं। वर्तमान समय में भी लगभग 300 करोड़ रूपये से ज्यादा खर्च करके बंधे का निर्माण चल रहा है। इसी बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में 83 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास भी बनवाया गया है। साथ ही सरकार द्वारा 2023 की महायोजना भी इसी क्षेत्र में घोषित है जिसपर लगभग 1084 आपत्तियां दर्ज करायी गयी है जो अभी भी लम्बित है।

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