2047 के बाद विवि का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा- कुलाधिपति
कृषि विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह पर बोलीं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल
रिपोर्ट: दिनेश जायसवाल मिल्कीपुर
अयोध्या।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि कठिन परिश्रम और दृणसंकल्प ने नैक में उच्च ग्रेड A++ दिलाया। इस उपलब्धि ने विश्वविद्यालय के साथ उत्तर प्रदेश को भी पूरे देश में एक नई पहचान दिलाई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाना सबकी जिम्मेदारी है इसके लिए पूरे विश्वविद्यालय परिवार को आगे आना होगा। विश्वविद्यालय जो भी कार्य कर रहा है उसका लाभ गरीब, पिछड़ा वर्ग और किसानों को हो रहा है। कहा कि 2047 के बाद कृषि विश्वविद्यालय का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा। कुलाधिपति ने बेटियों के शिक्षण कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों से बेटियां बेटों से आगे निकल रहीं हैं।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या खेती में सबसे बड़ा बाधक है। जलवायु परिवर्तन की समस्या से लड़ने के लिए उन्नत किस्म की प्रजातियों को विकसित करने की आवश्यकता है। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में किसानों का महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे किसान अन्नदाता होने के साथ-साथ जीवनदाता भी हैं। नवीन कृषि पद्धतियों के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है। कम पानी में अधिक फसलों की पैदावार हो सके इसके लिए विश्वविद्यालय को अनुसंधान करना होगा, जिससे कि किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके। कुलाधिपति ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषि के क्षेत्र में 20204-25 में 1.52 करोड़ कृषि का बजट प्रधानमंत्री ने दिया है जिससे की कृषि के क्षेत्र में हमारा देश आत्मनिर्भर बन सके।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ सभी अतिथियों ने राष्ट्रगान, जल भरकर पर्यावरण संरक्षण के संदेश और कुलगीत से हुआ। कुलपति ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। मंच का संचालन डा. सीताराम मिश्रा ने किया। इस मौके पर प्रबंधन परिषद के सदस्य, जिलाधिकारी अंबेडकर नगर, विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष एवं पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
*नैक की सफलता से कृषि विवि को देश में मिली नई पहचान*
कृषि वित्त निगम इंडिया लिमिटेड के निदेशक मंडल के अध्यक्ष व कृषि विश्वविद्यालय परभणी महाराष्ट्र के पूर्व कुलपति डा. सी. डी माई ने बतौर मुख्यअतिथि अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कार्यों को जमकर सराहना की। कहा कि विश्वविद्यालय का स्वरूप बहुत तेजी के साथ बदला है। पहली बार में नैक में उच्च ग्रेड पाकर सफलता हासिल की है वो विश्वविद्यालय की निरंतर सुधार की प्रतिबद्धता का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि यह देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय है जिसने यह सफलता प्राप्त की है।
*केंद्र व राज्य सरकार किसानों की हितैषीः बलदेव सिंह औलख*
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 33 प्रतिशत गेहूं और 11 प्रतिशत चावल का उत्पादन हो रहा है। सब्जियों की खेती में हमारा उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र एवं प्रदेश की सरकार ने किसानों के लिए विभिन्न योजनाएं चला रहीं हैं जिसका किसानों को लाभ उठाना चाहिए। डबल इंजन की सरकार हमेशा किसानों के हितों के लिए साथ खड़ी है। किसानों की सहूलियत और आय दोगुणी करने करने के लिए कृषि विश्वविद्यालय की ओर से कई अनुसंधान किए जा रहे हैं जो एक सराहनीय प्रयास है।
*कृषि विवि के लिए उपलब्धियों से भरा रहा पूरा वर्ष*
विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह पर कुलपति ने अपने प्रतिवेदन को सबके समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने नैक में A++ उच्च ग्रेड हासिल किया है जो सभी की सफलता का परिणाम है। कुलाधिपति के नेतृत्व में आठ बार समीक्षा बैठक आयोजित की गई और उनके दिशा-निर्देशन में विश्वविद्यालय को यह सफलता प्राप्त हो सकी। विश्वविद्यालय में पिछले सत्र में श्रीलंका, विएनताम, जिम्बाब्वे और नेपाल के छात्रों ने प्रवेश लिया था और इस सत्र में भी घाना, मिश्र, लिसोथो, केन्या और नेपाल के छात्र-छात्राएं प्रवेश लेने जा रहे हैं जो बड़ी उपलब्धि होगी। सभी उपाधि प्राप्त छात्रों की डिग्रीयों को डिजिलॉकर में में समावेश कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि धान की दो उन्नत किस्म काला नमक प्रजाति काला नमक-1 पूसा नरेंद्र सीआरडी विकसित की गई है। पिछले चार वर्षों में एक पेटेंट अनुदत्त हुए और एक प्रकाशित हुआ। विश्वविद्यालय में रेडियो केंद्र स्थापित किया गया है।
*कुलाधिपति ने किया आधा दर्जन पुस्तकों का विमोचन*
कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल व अन्य अतिथियों ने 26वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर आधा दर्जन पुस्तकों का विमोचन किया। स्मारिका, वार्षिक रिपोर्ट 2024-25, पूर्वांचल खेती, फसल अवशेष प्रबंधन, प्राकृतिक शोध एवं प्रसार और फिजिकल एजूकेशन एंड योगा नाम के पुस्तक का विमोचन किया गया।