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अवर अभियंता बना नगर निगम अयोध्या का अंगद

नगर निगम के अधिकारियों की मनमानी को लेकर पार्षदों में है आक्रोश

 

पांच वर्ष से नगर निगम अयोध्या में जमा बैठा है एई

दो वर्ष पहले पदोन्नति के साथ प्रयागराज को हुआ था स्थानांतरण
रिलीव करना तो दूर बना दिया गया प्रभारी एक्सईएन

 

न्यूज़ ब्लास्ट ब्यूरो
अयोध्या। नगर निगम के अधिकारियों के भी अजब- गजब खेल हैं। एक अवर अभियंता लगभग पांच वर्ष से नगर निगम अयोध्या में जड़ जमाकर बैठा है। यहां तक कि उसे पदोन्नति भी मिली और शासन की ओर से उसका स्थानांतरण भी किया गया फिर भी उस अधिकारी की जड़ें इतनी गहरी हो गई हैं कि उसके सामने शासन के निर्देश भी अब बौने साबित हो रहे हैं। हालांकि नगर निगम के कुछ पार्षदों ने उसे हटाने के लिए मोर्चा खोल दिया है। महापौर व नगर आयुक्त को ज्ञापन दिए हैं। शासन को भी ज्ञापन दिया है, फिर भी सवाल यह उठ रहा है कि ऐसी कौन सी ताकत उसे संरक्षण दे रही है , जिसके संरक्षण में वह अंगद के पांव के समान नगर निगम में जमा बैठा है। उसे कोई उसके स्थान से टस से मस नहीं कर पा रहा है।

नगर निगम अयोध्या में वर्ष 2021 में राज पति यादव की नियुक्ति अवर अभियंता के पद पर हुई थी। राज पति को वर्ष 2023 में पदोन्नति देते हुए शासन की ओर से एई बना दिया गया और उसका स्थानांतरण प्रयागराज कर दिया गया। अधिकारियों को अपने जाल में फंसा लेने में माहिर राज पति यादव को तत्कालीन नगर आयुक्त विशाल सिंह ने दो- तीन माह के लिए यह कह कर रिलीव नहीं किया कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। ऐसे में एई राज पति यादव काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे। इस बीच नगर आयुक्त रहे विशाल सिंह का स्थानांतरण हो गया। उनके जाने के बाद दो वर्ष का समय बीत रहा और नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा ने एई राज पति यादव को प्रयागराज के लिए रिलीव नहीं किया। यही नहीं एई राज पति यादव को उपकृत करते हुए उन्हें एक्सईएन के पद का प्रभार सौंप दिया।

बताते चलें कि एक्सईएन का पद कई माह से रिक्त चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाली नगर निगम अयोध्या में अबतक एक्सईएन जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनाती नहीं की गई है। राज पति यादव को प्रभारी बनाकर काम चलाया जा रहा है। एई राज पति यादव को रिलीव क्यों नहीं किया जा रहा है यह अपने आप में बड़ा सवाल है। इससे बड़ा सवाल यह कि वरिष्ठता क्रम में राज पति से सीनियर एई आस्था गुप्ता को एक्सईएन का प्रभार सौंपा जा सकता था। किन्तु दो वर्ष से स्थानांतरण के बाद भी रिलीव न किए जा रहे राज पति यादव को लेकर अब नगर निगम के पार्षदों में असंतोष की ज्वाला भड़क रही है, जो किसी भी समय विकराल रूप ले सकती है फिर भी नगर निगम के अधिकारी कान में तेल डालकर बैठे हैं।

बॉक्स
आखिर दो वर्ष से किसके संरक्षण में स्थानांतरण के बाद भी जमा है एई

इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए हमने जब नगर निगम अयोध्या के चीफ इंजीनियर पुनीत ओझा से जानकारी की तो उन्होंने कहा कि यह सवाल मेरे स्तर का नहीं है। इसकी जानकारी नगर आयुक्त दे सकते हैं। सवाल का जवाब जानने के लिए जब नगर आयुक्त को फोन किया गया तो किसी अन्य ने उनका फोन रिसीव कर बताया कि नगर आयुक्त बैठक में हैं। अभी बात नहीं हो सकती। बाद में फिर उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

Sameer Shahi

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