*कलम के कांटे से*
अयोध्या की पवित्र भूमि पर एक *”नवधा भक्त” शहर में रात एक गाय सड़क पर तड़प-तड़प कर मर गई।* हां, *वही गौ माता, जिनके नाम पर कभी कोई विधानसभा जीतता है, कोई फेसबुक पोस्ट को वायरल कराता है और कोई अखाड़े में भाव-भक्ति की पंचायती बैठाता है।*
मगर इस बार *न आरती हुई, न घंटा बजे, न फोटो शूट, न ही सोशल मीडिया पर ‘गौ-गाथा’ चली…* क्योंकि *कैमरा ऑन नहीं था।*
*रात के एक बजे The Cambian School के पास एक्सीडेंट हुआ। इतनी जोर की टक्कर कि गौमाता की अंतड़ियाँ सड़क पर बिछ गईं।* मगर *’भगवा रक्षक’ उस वक्त शायद किसी मठ की नींद में लीन थे* और ‘राष्ट्र रक्षकों’ की नींद देश की GDP से भी ज्यादा मूल्यवान है—कभी नहीं टूटती।
कहते हैं *भारत का सिस्टम 24 घंटे काम करता है…* हां, मगर शायद *सिर्फ उस समय जब CM का दौरा हो या PM की रैली।* वरना *यहाँ न पशु विभाग उठाता है फोन, न हॉस्पिटल की इमरजेंसी ‘गौ तड़प’ को इलाज समझती है।*
*फेसबुक पर गौ रक्षा समिति चलाने वाले उस रात शायद किसी रील में बिजी थे* जहां *एक गाय के माथे पर तिलक लगाकर ‘सनातन संस्कृति बचाओ’ का प्रचार किया जा रहा था।*
*साहस फाउंडेशन वालों का ‘साहस’ सुबह 6 बजे शुरू होता है और शाम 6 बजे खत्म।* जब *असली ‘साहस’ दिखाने की बारी आई, फोन कट गया।* इंसान की तो आदत है—*कभी वादे काटता है, कभी कॉल।*
*महापौर जी तो फोन पर ‘देखता हूं’ में अटक गए।* पता नहीं *उन्होंने गौमाता को ‘विकास योजना’ में रखा था या ‘अगले वित्त वर्ष’ के बजट में?* वैसे भी, *नगर निगम का काम है स्मार्ट सिटी के फ्लैक्स लगाना, न कि खून से सनी सड़क से जान बचाना।*
*DM साहब को कॉल करने पर जवाब मिला* — “ठीक है, टीम भेज रहे हैं।” *टीम आती रही, गौ माता जाती रही।* साढ़े चार बजे *जब वो मर गईं, तब जाकर प्रशासन की नींद टूटी।* पर *अफसोस, अब पोस्टमार्टम से ज्यादा क्या हो सकता है!*
और *वो युवा… जो रातभर फोन घुमा रहे थे* जिनके *जूते खून में सने थे* — *उनका दर्द न कैमरा कैद कर सका, न सत्ता ने समझा।*
*अब आप सोच रहे होंगे कि ये बात क्यों?*
*क्योंकि हम उस देश में रहते हैं जहाँ गाय चुनाव चिन्ह है, इंसाफ नहीं।*
*जहाँ गौशाला से ज्यादा बजट चुनावी रैलियों को मिलता है।*
*जहाँ “जय श्री राम” बोलने वाले, “गाय तड़प रही है” सुनकर फोन काट देते हैं।*
*तो आइए, एक मौन रखें…* उस *सिस्टम के लिए जो हर बार मौत के बाद जागता है।*
बाकी, अगली बार *किसी नेता की बाइट में अगर “गाय हमारी माता है” सुनें, तो पूछिएगा* — *माता जब मरती है तो आप कहाँ होते हैं?*