27 रचनाकारों के साझा संकलन जन मन के राम का सर्किट हाउस में महापौर ने किया विमोचन
सबसे छोटी रचनाकार समृद्धि त्रिपाठी सहित 27 हुए गोस्वामी तुलसीदास साहित्य सम्मान 2025 से सम्मानित

अयोध्या। राम मानवों में आदर्श है और उनका चरित्र जीवन की हर एक भूमिका के लिए अनुकरणीय है।राम की महिमा को अकथ है और राम के चरित्र को जन जन को अपने चरित में उतारना चाहिए। उक्त विचार सपना फाउंडेशन द्वारा आयोजित जन मन के राम साझा संग्रह के विमोचन अवसर पर महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने व्यक्त किये। समारोह की अध्यक्षता संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ मनमोहन सरकार ने की। सोशल एक्शन पर प्रोग्रेसिव नेशन फाउंडेशन द्वारा आयोजित समारोह में अध्यक्ष डॉ स्वदेश मल्होत्रा एवं अनूप मल्होत्रा द्वारा संपादित साझा संकलन का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
समारोह संयोजक डॉ उपेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि इस साझा संकलन में मुख्य अतिथि महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने, रचना “मेरे राम” के लिए गोस्वामी तुलसीदास हिंदी साहित्य सम्मान 2025 सबसे कम आयु की कक्षा दो की छात्रा समृद्धि त्रिपाठी सहित सभी 27 रचना कारों साहित्य भूषण विजय रंजन के साथ डॉ संजय कुमार पाण्डेय,डॉ उपेन्द्र मणि त्रिपाठी,कामेश मणि त्रिपाठी, नन्दलाल मणि त्रिपाठी,मनीष देव,अनूप मल्होत्रा,डॉ विवेकानंद पांडेय,डॉ दुर्गेश निर्भीक, पूनम सूद,सुमति दूबे, कात्यायनी उपाध्याय,उपमा आर्या,विमलेश यादव,पूनम सिंह, अमित कुमार मिश्र आदि को सम्मानित किया। कवियत्री पूजा यक्ष ने वाणी वंदना एवं डॉ स्वदेश मल्होत्रा ने श्रीराम वन्दना प्रस्तुत की। नन्ही रचनाकार समृद्धि त्रिपाठी ने कहा अयोध्या सहित राम भारत के जन जन और जन मन में बसते हैं। माता पिता को चाहिए वे अपने बच्चों पर दबाव न बनाएं, तनाव न दें और उनकी रुचि के अनुसार शिक्षित करने और आगे बढ़ने में सहयोग करें तो बच्चे माता पिता के सपनो को पूरा करने में जी जान लगा देते हैं।
संस्था का परिचय अनूप मल्होत्रा ने कराते हुए बताया प्रतिष्ठा वर्ष में रक्तदान रग रग में राम से शुरू हुआ यह अभियान जब मन के राम तक पहुंचा है, सभी के सहयोग से सेवा के क्षेत्र में आगे भी जारी रहेगा।
डॉ उपेंद्र मणि त्रिपाठी ने कहा वनवास से जब श्रीराम अयोध्या के राजा बने तो भी उन्होंने अपने सहयोगी रहे वानर , भालू, वनवासी साथियों का उचित सम्मान किया, उन्हें भुलाया नहीं, और अयोध्या के जन जन से जो जैसा चाहता था वैसे मिले तब वह जन मन के राम बने। रामराज्य की यही सत्य तस्वीर है।
इस अवसर पर इ.रवि प्रकाश तिवारी, सरल ज्ञापटे, संस्था उपाध्यक्ष पियूष मिश्रा, सचिव भारती वैश्य,कार्यक्रम प्रभारी बृजेंद्र कुमार दुबे, महिला विंग प्रभारी वंदना पांडेय, डॉ अम्बिकेश त्रिपाठी, ऋचा उपाध्याय,दुर्गेश निर्भीक, मनीष देव,अजीत सिंह, श्रीप्रकाश पाठक,निर्मल कपूर ,उषा पाठक,सिद्धि मौर्य, गीतिका, डॉ पंकज श्रीवास्तव,वैद्य आनंद उपाध्याय आदि मौजूद रहे।