जिम्मेदारों की उदासीनता से छिन रहा गरीबों का आशियाना
जर्जर मकान में रहने को मजबूर इंद्रावती

राहुल दूबे
बीकापुर-अयोध्या। इंद्रावती का जीवन टपकती छतों के नीचे बसी उम्मीदों जैसा है, जो हर बरसात में भीगता है, लेकिन फिर भी उम्मीद का दीपक बुझने नहीं देता।एक ओर जहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को पक्की छत देने का संकल्प सरकार ने लिया है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन की संवेदनहीनता और लापरवाही की वजह से बीकापुर विकासखंड के गरीब अब भी कच्चे और जर्जर मकानों में जीवन यापन को मजबूर हैं।पातूपुर ग्राम पंचायत के बल्लीपुर गांव की रहने वाली इंद्रावती पत्नी श्याम नारायण दुबे वर्षों से आवास योजना के लाभ से वंचित हैं। उनका कच्चा मकान आधा गिर चुका है। बचा हुआ हिस्सा भी किसी काम का नहीं है, जिसमें घास-फूस और सरपत डालकर किसी तरह से अपना जीवन बिता रही हैं। पति और पुत्र दोनों दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पेट पालते हैं।बरसात के मौसम में यह परिवार दोहरी मार झेल रहा है। जर्जर मकान की छत से पानी टपकता है और घर के चारों ओर गंदगी, झाड़-झंखाड़ और कीड़े-मकोड़ों का डेरा बना रहता है। जगह-जगह से पानी भर जाने के कारण बरसात में जीना दूभर हो जाता है।पीड़िता इंद्रावती का कहना है कि पिछले कई पंचवर्षीय योजनाओं में नाम जुड़वाने का प्रयास किया गया, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। अब वह निराश हो चुकी हैं और सरकार की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही हैं।गांव के क्षेत्र पंचायत सदस्य राहुल दुबे ने बताया कि कई बार उन्होंने विकासखंड कार्यालय में इस गरीब परिवार का नाम भेजा, परंतु सिर्फ कागजों में प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई, धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।इस संबंध में खंड विकास अधिकारी हरिश्चंद्र सिंह का कहना है कि मामला अभी उनके संज्ञान में नहीं था। जांच कराकर पात्रता के अनुसार इंद्रावती को आवास योजना का लाभ दिलाया जाएगा।