विकास की गंगा में डूबा तुलापुर: नाव लेकर निकलें* *सड़कें तो स्वर्गलोक एक्सप्रेसवे बन गई हैं* अयोध्या।मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास इतना हो गया है कि अब जनता को समझ ही नहीं आ रहा कि ये सड़कें हैं या स्विमिंग पूल का नया प्रस्तावित कॉम्प्लेक्स। सरकार के अनुसार, विकास की गंगा बह रही है-और तुलापुर वालों का तो कहना है कि सच में बह रही है, लेकिन सड़क पर, कीचड़ बनकर! सूत्रों के अनुसार, हर गली-हर नुक्कड़ पर नेताओं द्वारा उद्घाटन हो रहा है-कहीं रोड का, कहीं बोर्ड का, और कहीं-कहीं तो गड्ढों का भी फीता काटा जा चुका है। उद्घाटन करने वाले नेताजी इतने व्यस्त हैं कि अब उद्घाटन के लिए सड़कों की नहीं, गड्ढों की खोज कर रहे हैं। कोई भी सड़क अगर पांच दिन बिना टूटी रही, तो उसे संदिग्ध मानकर तुरंत जांच बैठाई जाती है। तुलापुर ग्राम पंचायत के हाल तो बिल्कुल विकास के वीरान जैसे हो गए हैं। 10 साल पहले बनी सड़क अब इतने गड्ढों से भर चुकी है कि स्थानीय लोगों ने उसे स्मृति मार्ग घोषित कर दिया है- जिसमें हर गड्ढा एक नेता की याद दिलाता है। जनता ने कई बार शिकायत की, पर नेता जी व्यस्त थे- कोई चुनाव जीत रहे थे, कोई उद्घाटन कर रहे थे, और कोई गड्ढों में ही विकास खोजने की रिसर्च कर रहे थे। गांववालों की हालत कुछ ऐसी हो गई है कि अब उन्होंने बच्चों को साइकिल के बजाय नाव चलाना सिखाना शुरू कर दिया है। बुजुर्गों का कहना है कि अब चलने का सपना छोड़ दिया है- बस बारिश में बह जाने का डर सता रहा है। जब इस संबंध में जेई राजू श्रीवास्तव जी से बात की गई तो उन्होंने बताया, टेंडर हो गया है, काम एक महीने में शुरू होगा। अब सवाल ये है कि कौन सा महीना? 2025 का? 2030 का? या फिर किसी और युग का? और अंत में सबसे बड़ा सवाल: सांसद जी कहां हैं? सुना है, वे एक नए उद्घाटन की तैयारी में हैं

अयोध्या।मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास इतना हो गया है कि अब जनता को समझ ही नहीं आ रहा कि ये सड़कें हैं या स्विमिंग पूल का नया प्रस्तावित कॉम्प्लेक्स। सरकार के अनुसार, विकास की गंगा बह रही है-और तुलापुर वालों का तो कहना है कि सच में बह रही है, लेकिन सड़क पर, कीचड़ बनकर!सूत्रों के अनुसार, हर गली-हर नुक्कड़ पर नेताओं द्वारा उद्घाटन हो रहा है-कहीं रोड का, कहीं बोर्ड का, और कहीं-कहीं तो गड्ढों का भी फीता काटा जा चुका है। उद्घाटन करने वाले नेताजी इतने व्यस्त हैं कि अब उद्घाटन के लिए सड़कों की नहीं, गड्ढों की खोज कर रहे हैं। कोई भी सड़क अगर पांच दिन बिना टूटी रही, तो उसे संदिग्ध मानकर तुरंत जांच बैठाई जाती है।तुलापुर ग्राम पंचायत के हाल तो बिल्कुल विकास के वीरान जैसे हो गए हैं। 10 साल पहले बनी सड़क अब इतने गड्ढों से भर चुकी है कि स्थानीय लोगों ने उसे स्मृति मार्ग घोषित कर दिया है- जिसमें हर गड्ढा एक नेता की याद दिलाता है। जनता ने कई बार शिकायत की, पर नेता जी व्यस्त थे- कोई चुनाव जीत रहे थे, कोई उद्घाटन कर रहे थे, और कोई गड्ढों में ही विकास खोजने की रिसर्च कर रहे थे।गांव वालों की हालत कुछ ऐसी हो गई है कि अब उन्होंने बच्चों को साइकिल के बजाय नाव चलाना सिखाना शुरू कर दिया है। बुजुर्गों का कहना है कि अब चलने का सपना छोड़ दिया है- बस बारिश में बह जाने का डर सता रहा है।जब इस संबंध में जेई राजू श्रीवास्तव जी से बात की गई तो उन्होंने बताया, टेंडर हो गया है, काम एक महीने में शुरू होगा। अब सवाल ये है कि कौन सा महीना? 2025 का? 2030 का? या फिर किसी और युग का?और अंत में सबसे बड़ा सवाल:सांसद जी कहां हैं?सुना है, वे एक नए उद्घाटन की तैयारी में हैं

Rajendra Dubey

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