अयोध्या।
श्रीराम जन्मभूमि से महज चंद कदमो की दूरी पर स्थिति माझा जमथरा में शहर के सफेदपोश भूमाफ़ियायो द्वारा 4 विस्वा जमीन को फर्जी तरीके से 21 बीघा बनाकर अंतराष्ट्रीय योग गुरु की संस्था को करोड़ो में बैनामा करने के हाई प्रोफाइल मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची तो स्थानीय अधिकारियों का हाथपांव फूल गए। मामला बढ़ता देख एआरओ ऑफिस ने श्री सरयू विकास समिति के अध्यक्ष अवधेश सिंह की शिकायत की जांच किया तो सारा मामला दूध का दूध पानी का पानी हो गया।जांच में पाया गया कि जमीनों की प्रविष्टियों में हेराफेरी की गई है।लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर शिकायत सही है आरोपी दोषी है तो किसके दबाब में अधिकारी आज तक करोड़ो की सरकारी जमीन का घोटाला करने वाले सफेदपोश भूमाफ़ियायो के खिलाफ एफआईआर नही करवा रहे है।
गौरतलब होकि श्री सरयू नगर विकास समिति के अध्यक्ष अवधेश सिंह की शिकायत पर दैनिक स्वदेश समाचार पत्र लगातार अयोध्या में सरकारी जमीन के घोटालेबाजो के बारे में खबर प्रकाशित कर रहा है। खबर का असर ही रहा कि माझा जमथरा की बेशकीमती जमीन का सहायक अभिलेख अधिकारी कार्यालय कानूनगो व लेखपाल की मदद से फर्जीवाड़ा का खुलासा होने पर जिलाधिकारी ने अतरिक्त मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में बनाई जांच कमेटी बनाई।अब जबकि मामला साफ हो गया है जांच रिपोर्ट में एआरओ कार्यालय ने अपने दिनांक 29 सितम्बर 2022 पत्रांक 927/प्र0व0स0/स0आ0आ0/आईजीआरएस डीएम के माध्यम से पीएम कार्यालय को यह जबाब भेज दिया है कि उक्त आदेश का अंकन राजस्व अभिलेख में फर्जी होना प्रतीत होता है। उक्त आदेश को प्रथम दृष्टया फर्जी मानते हुए एसडीएम अयोध्या का पत्र राजस्व अभिलेख की 1388 फसली की खतौनी में चस्पा कर दिया गया है।
333 करोड़ के माझा लैंड स्कैम मामले की कानूनी लड़ाई लड़ रहे श्री सरयू नगर विकास समिति के अध्यक्ष अवधेश सिंह कहते है कि जब जांच में मामला फर्जी साबित हो गया है तो आरोपियों के खिलाफ अधिकारी एफआईआर क्यों नही करा रहे है। अधिकरियों की लापरवाही यह साबित करती है की वह किसी न किसी दबाब में भूमाफ़ियायो को बचाने की कोशिश में जुटे है। लेकिन उन्हें स्मरण रहे कि सरयू नगर विकास समिति भूमाफ़ियायो की गिरफ्तारी के लिए शीघ्र ही माननीय उच्च न्यायालय की शरण लेगी जिसमे की संबंधित अधिकारियों को भी पार्टी बनाया जाएगा।