अयोध्या।
63 बटालियन, सी०आर०पी०एफ० प्रागंण में छोटे लाल कमांडेण्ट 63 बटालियन सी०आर०पी०एफ० के नेतृत्व एवं राजर्षि दशरथ, आटोनॉमस स्टेट मेडिकल कालेज, अयोध्या के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ० सत्यजीत वर्मा के निर्देशन में सहायक प्रोफसर डॉ० जय प्रकाश तिवारी की टीम द्वारा जीवन रक्षक चिकित्सा संबंधी कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए कमांडेंट ने बताया कि भारतवर्ष व देश-विदेशों में कई प्रकार की घातक गंभीर बीमारियों ने अपना शिकंजा कसा हुआ है। गंभीर बीमारियों के अतिरिक्त वर्तमान में कई प्रकार की छोटी बीमारियाँ भी हैं जिनका समय पर उपचार न होने पर ये वृहद रूप धारण कर लेती हैं जिसके लिए काफी हद तक स्वयं की जिम्मेदार होता है। इन छोटी-छोटी बीमारियों के बारे में हम थोड़ी भी जानकारी रखें व इनका तत्काल उपचार करा लें तो हम इसके घातक स्वरूप से बच सकते हैं परन्तु न समझी के कारण हम इनको दरकिनार कर देते हैं जो बाद में गंभीर बीमारी के रूप में सामने आती हैं।
सी०आर० पी०एफ० एक ऐसा अनोखा बल है। जिसे भारत की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों चुनाव ड्यूटी, मुख्य धार्मिक स्थलों की सुरक्षा ड्यूटी, बाढ़ राहत बचाव दल, विशिष्ट व अति विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा आदि का निवर्हन भी करना पड़ता है। इन ड्यूटियों के निवर्हन के दौरान तनाव, परिवार के प्रति चिन्ता व इससे शरीर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव का पड़ना स्वाभाविक है इसके साथ ही कई छोटी बड़ी बीमारियों, अचानक हृदयाघात को भी सहन करना पड़ता है।
इस कार्यशाला के दौरान चिकित्सकों विशेषज्ञों की टीम ने छोटी बड़ी बीमारियों के बारे में गहनता से जानकारी देते हुए इससे बचने के उपायों के बारे में भी बताया। इसके साथ ही हमें किस प्रकार की खुराक लेनी चाहिए इसके बारे में भी बताया। चिकित्सकों ने स्वास्थ्य को सर्वोपरि बताते हुए अवगत कराया कि हमें किसी भी बीमारी को छोटा नहीं समझना चाहिए। कई बीमारियाँ ऐसी होती हैं जिन्हें हम अपनी दिनचर्या, अपने रहन-सहन, खान-पान व शारीरिक व्यायाम से ठीक कर सकते हैं। इस कार्यशाला में छोटे लाल, कमांडेण्ट- 63 बटालियन, सी०आर०पी०एफ० के अतिरिक्त सरकार राजा रमन, द्वितीय कमान अधिकारी, अजय कुमार, उप कमां०, नीरज कुमार, सहायक कमांडेण्ट, श्री पंकज राय, सहायक कमांडेण्ट, राम निवास चौहान, सहायक कमांडेण्ट, अखिलेश्वर सिंह, सहायक कमांडेण्ट, डॉ0 सुदेशना देबबर्मा, चिकित्सा अधिकारी के साथ ही 63 बटालियन के अधीनस्थ अधिकारियों, जवानों व मीडिया कर्मियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यशाला समापन के समय छोटे लाल, कमांडेण्ट-63 बटालियन, सी०आर०पी०एफ० ने धन्यवाद स्वरूप स्मृति चिन्ह भेंट किया एवं जानकारी दी कि आगामी दिनों में भी इस प्रकार की चिकित्सीय कार्यशाला का आयोजन 63 बटालियन, सी०आर०पी०एफ० मुख्यालय में किया जाता रहेगा।