भ्रष्टाचार का हब बना विकासखंड मया जीएसटी घोटाले के बाद किसानों के हक पर डाका*
अयोध्या।
भ्रष्टाचार का हब बना विकासखंड मया जीएसटी घोटाले के बाद किसानों के खेतों में प्लांटेशन के नाम पर वीडियो गौरीशा श्रीवास्तव पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों सचिव व टीऐ और मेकर लेखाकार पर दबाव बनाकर स्वयं चेकर ने जानबूझकर स्वयं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य जुलाई व अगस्त 2021 मे योजनाबद्ध तरीके से सिर्फ कागजों में ही 8 फीट से 12 फीट के वृक्षों को दर्शा कर फार्म को भुगतान वित्तीय वर्ष 2021-22 व 2022-23 मे भुगतान कर बंदरबांट किया गया है। शिकायतकर्ता ने अपने लीगल नोटिस मे मुख्य विकास अधिकारी अयोध्या को पंजीकृत डाक द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है।
आपको बता दें ग्रामीण क्षेत्रों को हरा-भरा कराने और किसानों की आय मे वृद्धि के लिए सरकार की मनसा फलदार वृक्षों को किसानों के खेतों में लगाने की योजना को खंड विकास अधिकारी गौरीशा श्रीवास्तव ने कागजों में इतिश्री कर अनुमानित 40 लाखों रुपए से अधिक का फार्म यासीन अहमद (व्यापारिक नाम) यासीन नर्सरी, मुजासा, मलिहाबाद, लखनऊ, उत्तर प्रदेश को भुगतान किया गया है।
ग्राम पंचायत रामपुर बैहारी में दिनांक 20 अगस्त 2021 को बिल नंबर 4651, 4652 का भुगतान 17040,17040 रुपए और दिनांक 15 अगस्त 2021 को बिल नंबर 4653 का भुगतान 22700 रुपए तीनों बिलों का कुल भुगतान 56800 रुपए किया गया है। यहां पर इनकी भ्रष्टाचार की पोल खुलती नजर आ रही है।बिल नंबर 4651, 4652 दिनांक 20 अगस्त 2021 को बिल नंबर 4653 दिनांक 15 अगस्त 2021 को विल पर दर्शाया गया है।
सोचनीय विषय यह है कि पहले 15 अगस्त आता है, या 20 अगस्त आता है। इससे यह स्पष्ट होता है, फार्म से सांठगांठ कर अपने पद का गलत उपयोग करते हुए और दायित्वों का निर्वाहन ना करते हुई फर्जीवाड़ा कर घोटाला- गमन कर बंदरबांट किया गया है। तो फर्म यासीन अहमद ने जीएसटी चोरी वाणिज्य कर के नियम के विरुद्ध कार्य किए हैं। उपरोक्त फर्म के कार्यालय में संबंधित बिल नंबर के विल/ रसीद व दस्तावेज मौजूद नहीं है। जो मनरेगा साइट पर मौजूद बिल है।
ग्राम पंचायत अरवत, वन्दनपुर, दलपतपुर,काजीपुर गाडर, मलखानपुर, मनापारा, मेदनीपुर, नेवकबीरपुर, पम्पारपुर, रौवालोहनपुर, रेवरी, समदा, उनियार, आनापुर सरैया, बरईपारा, जरही, मोहम्मदपुर कस्बा,आदि ग्राम पंचायत मे किसानों के खेतों में प्लांटेशन वर्क महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) द्वारा बिल नंबर 35, 36, 33 ,38, बिल नंबर 3417, 3418, 3419, 3420,3426 बिल नंबर 4622, 4623, 4651, 4652, 4653, 4654, 4655 बिल नंबर 4501,4702, 4503, 4704, 4705 ,4706 ,4707, 4708, 4709, 4710 ,4711, 4712, 4713, 4714, 4715, 4716, 4717, 4718 बिल नंबर 4752 ,4753 ,4754 ,4755, 4756 ,4757 ,4758 बिल नंबर 4760,4761,4762, बिल नंबर 4765,4766,4767,4768 बिल नंबर 47 71 व 4773 आदि बिलो द्वारा विकासखंड मया के ग्राम पंचायतों में 8 फीट से 12 फीट के मलिहाबाद के आम, अमरूद और नींबू किसान (काश्तकार) व्यक्तिगत खेतों में फलदार वृक्षों के बाग के नाम पर सबसे बड़ा घोटाला प्रकाश में आया है। किसानों को नहीं पता है कि उनकी खेतों में प्लांटेशन वर्क किया गया है।
ग्राम पंचायतों में किसान ( काश्तकारों ) के खेतों में मलिहाबाद आम, अमरूद, नींबू, के वृक्ष दृष्टिगोचर नहीं होते हैं। इसलिए यह पूरा प्रकरण जांच का विषय है। विकासखंड मया के 83 ग्राम पंचायतों में उपरोक्त फर्म को भुगतान किए गए बिल /वाउचर, किसान (काश्तकार) द्वारा प्रस्तुत मांग पत्र, खतौनी व गाटा संख्या, कितनी एरिया में वृक्ष लगाए गए,कितनी संख्या में किस-किस किसान(काश्तकार )को किन-किन प्रजाति के वृक्ष दिए गए। वृक्षारोपण से संबंधित फाइल के सभी दस्तावेजों की प्रमाणित छायाप्रति व विवरण प्रार्थी मांगने के लिए लीगल नोटिस अपने अधिवक्ता के माध्यम भेजा गया है। जिसका जवाब प्रार्थी को 15 दिनों के अंदर दिलाने का अनुरोध किया गया है। यदि 15 दिनों के अंदर जवाब न देने की स्थिति में विधिक कार्रवाई की जाएगी।