कुँवर समीर शाही
*अयोध्या।*
*बॉलीबुड के चर्चित निर्देशक प्रकाश झा की सुपरहिट वेव सीरीज आश्रम में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली रामनगरी की बेटी आकांक्षा सिंह एक्टर नही बल्कि आईएएस बनने का सपना देखती थी। लेकिन कहते है न कि होता वही है जो ईश्वर को मंजूर होता है ठीक ऐसा ही आकांक्षा के साथ भी हुआ। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या से ताल्लुक रखने वाली एयर होस्टेस का कोर्स ही नही बल्कि ओमान एयर लाइंस में प्रशिक्षण ले चुकी नवाजुद्दीन सिद्दकी,नसीरुद्दीन शाह, मनोज बाजपेयी जैसे अभिनेताओं को अपना आदर्श मानने वाली अपने अभिनय के माध्यम से अभिनय की दुनिया मे इतिहास बनाने का जज्बा रखने वाली मॉडल एक्टर आकांक्षा सिंह इस मुकाम तक कितने संघर्षों के बाद पहुंची इस बारे में कुँवर समीर शाही* ने उनसे जानने की कोशिश की पेश है उसी बातचीत का कुछ अंश-*
सवाल:आप एक्टिंग के क्षेत्र में कैसे आयी आप तो आईएएस बनना चाहती थी?
जबाब:आप सही कह रहे है बचपन से ही कुछ बड़ा करने की इच्छा थी। समाज की विसंगतियों को देखकर मन बहुत दुःखी होता था तो मन मे आता था कि आईएएस बनकर समाज को सही दिशा देंगे जरुतमन्दों की मदद करेंगे।लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। आईएएस की तैयारी शुरू किए पर पारिवारिक कारणों की वजह से पूरी नही हो पाई। एक्टिंग का सिर्फ शौक था कभी इसे कैरियर के रूप में नही सोचा था। लेकिन हालत ऐसे बने की आज एक्टिंग ही कैरियर बन गया है।
सवाल:एक्टिंग की शुरुवात कैसे कहाँ से हुई?
जबाब: वर्ष 2011 की बात है हम एयर होस्टेस के इंटरव्यू के लिए चंडीगढ़ गए थे। तो एयर होस्टेस का इंटरव्यू तो सही नही हो पाया लेकिन वही एक पंजाबी डायरेक्टर ने मुझे देखा और देखते ही मुझे एक गाने “सजना के नाम से”ऑफर कर दिया। मैंने उसे स्वीकार कर लिया। यही से फिल्मी दुनिया मे सफर शुरू हुआ। फिर 2013 में पम्मा सिंह का पंजाबी सांग रेड रोज किया। इसके बाद हरियाणा के विख्यात गीतकार देव कुमार देव का हरियाणवी गाना मिला। ये सब करते हुए 2013-14 में फिर एक बार आईएएस की तैयारी शुरू की लेकिन तबीयत खराब हुई तो वह पूरी नही हो पाई।
सवाल: आप मुंबई कब गयी वहां कैसे ब्रेक मिला?
जबाब:वर्ष 2018 की बात है मैंने पूरी तरह से मॉडलिंग और एक्टिंग की क्षेत्र में ही कैरियर बनाने का संकल्प कर लिया। उसी समय मुंबई आ गयी और थियेटर जॉइन कर लिया। मैं फ़िल्म में काम नही करना चाहती थी सोच के आयी थी कि सिरियल में काम करेंगे। मैं खुद को सौभाग्यशाली समझती हूं कि मुझे थियेटर करते समय ही पहला प्ले “गाय”जो गौ हत्या के खिलाफ था उसमें काम मिल गया मैंने उसमें राधिका का रोल बखूबी निभाया। थियेटर में ही रंगरसिया भी किया।
सवाल:आश्रम वेब सीरीज में कैसे काम मिला?
जबाब:इसे तो मैं ईश्वर का चमत्कार ही कहूंगी जहां सालों साल से थियेटर कर रहे कलाकरों को कोई ढंग का रोल नही मिल रहा है ऐसे में मुझे वॉलीवुड के इतने बड़े डायरेक्टर प्रकाश झा जी के प्रोडक्शन में आश्रम जैसी वेब सीरीज में इतनी जल्दी ऑफर मिल गया। मैने आश्रम 1 सीजन और 2 सीजन दोनो में काम किया।यह मेरे जीवन की बड़ी उपलब्धि है।
सवाल: आपने और किस किस फ़िल्म में काम किया आने वाली और कौन सी फिल्में है?
जबाब:हमने भोजपुरी फिल्मों में भी काम शुरू किया है।”जिया जाए ना”अपकमिंग मूवी है। “जरूरत” एक शार्ट फ़िल्म है जोकि यूट्यूब पर मौजूद है। उसको ज्यादा प्रमोशन तो नही मिला लेकिन उसमें मेरा काम आप देख सकते है। बीच मे कोरोना के कारण काफी प्रोजेक्ट रुक गए थे। वह भी अब जल्दी ही शुरू हो जाएंगे।
सवाल:आप भोजपुरी फिल्मों में भी काम करेंगी क्या?
जबाब:पहले तो मैं भोजपुरी में काम नही करना चाहती थी लेकिन अब भोजपुरी बदल रहा है गाने फिल्में कुछ को अलग कर दिया जाय तो काफी बदल चुका है। शूटिंग लोकेशन में भी बालीवुड की नकल हो रही है। तो अब मुझे काम करने में कोई दिक्कत नही है।
सवाल:अभिनय की दुनिया की कॅरियर बनाने वाले युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगी?
जबाब:संघर्ष तो हर क्षेत्र में है।कुछ लोगो के जीवन के बहुत होता है। नए लोगो को ये बताना चाहूंगी कि अगर आपको मंजिल पानी है तो आपको रुकना पड़ेगा।जब ऑडिशन देने जाते हो तो आपको बहुत कमतरी महसूस होती हैं। लेकिन आपको धैर्य नही खोना है। मुंबई में बहुत फेक अडिशन होता है उससे सावधान रहना पड़ेगा। जो पैसा मांगते है वह फेक होते है। सही प्रोडक्शन हाउस आपसे कभी पैसा नही लेंगे। कभी किसी को कोई पैसा न दे। कास्टिंग काउच भी होता है। अगर आपके पास प्रतिभा है तो आप किसी के सामने मत झुकिए कोई जरूरत नही है। कभी शॉर्ट रास्ता न अख्तियार करें। अपनी मेहनत और प्रतिभा पर भरोसा करें।फिल्मी दुनिया मे अपना कैरियर बनाने वाले युवाओं से सिर्फ इतना कहना है कि एट्रेक्ट होकर एक्टिंग लाइन में न आये युवा जब अंतर्मन में एक्टिंग हो तभी आये। एक्टर की जिंदगी में हमेशा संघर्ष होता है। उसे रोज नए नए तरह के संघर्षों से गुजरना पड़ता है। जब तक आप दृढ़ संकल्पित नही होंगे आप सफल नही हो सकते।हजारों लोग रोज ऑडिशन दे रहे है लेकिन आज तक काम नही मिला। जब तक आपके पास प्रतिभा नही होगी तो शक्ल सूरत पर काम नही मिलता है। आपको अपने भीतर काबलियत विकसित करना होगा कड़ी मेहनत करनी होगी। एक कहावत याद रखना चाहिए कि गुच्छे की आखरी चाभी भी ताला खोल सकती है इसलिए आप सिर्फ मेहनत करें।
सवाल:आगे की और क्या योजना है?
जबाब:मुझे कविता का शौक है मेरी इच्छा है कि एक कविता संग्रह का प्रकाशन हो। एक पुस्तक लिखने की भी इच्छा है। समय मिलते ही उस पर भी काम होगा।