हाथी की सवारी छोड़ एमपी रितेश पांडेय ने थामा कमल का फूल
बहुजन समाज पार्टी को मेरी सेवाओं की जरूरत नहीं-रितेश पांडेय
समीर शाही।
अयोध्या।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एक ओर जहां राजनीतिक दल प्रत्याशियों को लेकर मंथन कर रही है। वहीं चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे उम्मीदवार भी अब जिताऊ पार्टी की तलाश में जुट गए हैं। उधर लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को एक के बाद एक करारा झटका लगता जा रहा है। पहले अमरोहा से बसपा सांसद कुंवर दानिश अली की कांग्रेस नेता राहुल गांधी से नजदीकी के चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। अब अंबेडकर नगर से बसपा सांसद रितेश पांडेय ने बहुजन समाज पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। रितेश पांडेय बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इसी बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती रितेश पांडेय के इस्तीफा देने के कुछ देर बाद ही अपने आधिकारिक एक्स पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर दिए हैं। मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा कि बीएसपी राजनीतिक दल के साथ ही परमपूज्य बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है। मायावती ने लिखा कि क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिए गए दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना संभव है। खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं। उन्होंने लिखा कि मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित है। बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि है।
वहीं अम्बेडकरनगर से बसपा सांसद रहे रितेश पांडेय ने मायावती को लिखे गए पत्र में बताया कि लंबे समय से मुझे न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा है और न ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि आपसे (मायावती) और शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क कर भेंट करने के लिए अनगिनत प्रयास किए लेकिन उनका कोई परिणाम नहीं निकला।पत्र के जरिये रितेश पांडेय ने कहा कि इस अंतराल में अपने क्षेत्र में एवं अन्यन्त्र पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से निरंतर मिलता-जुलता रहा तथा क्षेत्र के कार्यों में जुटा रहा। ऐसे में मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब आवश्यकता नहीं रही। इसलिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। इस पत्र के माध्यम से बहुजन समाज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं। आपसे आग्रह है कि मेरे इस त्यागपत्र को अविलंब स्वीकार किया जाए।
क्या लिखा चिट्ठी में
‘आदरणीय बहन कुमारी मायावती जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी… सार्वजनिक जीवन में बसपा के माध्यम से जबसे मैंने प्रवेश किया, आपका मार्गदर्शन मिला। पार्टी पदाधिकारियों का सहयोग मिला तथा पार्टी के ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ताओं ने मुझे हर कदम पर अंगुली पकड़कर राजनीति और समाज के गलियारे में चलना सिखाया। पार्टी ने मुझे उत्तर प्रदेश विधानसभा और लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान किया। पार्टी ने मुझे लोकसभा में संसदीय दल के नेता रूप में कार्य का अवसर भी दिया। इस विश्वास के लिए मैं आपके, पार्टी के, पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के प्रति हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूं। धन्यवाद ज्ञापन करता हूं।’